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खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-17

खूबसूरत मोहब्बत पार्ट-17




नेहा हैरानी से ऑंखें बड़ी करके उसकी तरफ देखती है तो अभिजीत आगे बोलता है- तुम ये बात पहले से जानती थी की मैं ही अभिजीत सिंह ठाकुर हूँ। और तुमने जान बूझ कर मेरी कंपनी ज्वाइन की ताकि मेरी ही कंपनी में रहकर मुझे ही बर्बाद कर सको।

अभिजीत की ये बातें सुन कर नेहा को वो दिन याद आता है जब रेस्टोरेंट में साक्षी उसे मिली थी और उसे वो कार्ड दिया था।

फ़्लैश बैक: -

जब साक्षी नेहा को वो कार्ड दे कर चली जाती है तो नेहा उस कार्ड पर लिखे नाम और नंबर पढ़ती है,,,,,जब नेहा दूसरी तरफ पलट कर देखती है तो वहां अभिजीत सिंह ठाकुर  का नाम और नंबर भी लिखा हुआ था।
नेहा उस नाम को देख कर एक बार के लिए तो चौंक जाती है लेकिन दूसरे ही पल उसकी वो हैरानी ख़ुशी में बदल जाती है,,,,,,,
नेहा उस कार्ड को बैग में रख कर खुद से बोलती है- वाह्ह अभिजीत सिंह ठाकुर तुमने तो खुद ही अपनी बर्बादी को न्योता दे दिया। मुझे तो तुम पर बहुत तरस आ रहा है अभी से,,,,,,,जब तुमको पता चलेगा तुम्हारी सबसे विश्वसनीय मैनेजर ने ही तुम्हे धोखा दे दिया तब क्या गुजरेगी तुम पर......और जोर से ठहाका लगा कर हंसती है,,,,,,हाहाहाहा।

अभिजीत जब आगे बोलना शुरू करता है तब जाकर नेहा की तन्द्रा टूटती है और वो अपने ख्यालों से बाहर आती है।

अभिजीत वहां से खिड़की की तरफ जाते हुए बोलता है- तुम अपनी दीदी की मौत का बदला लेने के लिए इतना पागल थी कि जिसने तुम्हे जो बोला तुमने बिना किसी प्रूफ के ही विश्वास कर लिया।
नेहा अपना सर शर्म से झुका लेती है और सोचती है इनको सब कुछ कैसे पता और जब पता ही था तो कंपनी में जॉब पे क्यों रखा।
अभिजीत मुड़ कर उसकी तरफ देखता है और आगे बोलता है- मैं जानता हूँ तुम अभी क्या सोच रही हो,,,,,,,,मुझे ये सब कैसे पता चला......तो सुनो जिस दिन तुम ने पहले दिन जॉब ज्वाइन की और तुम अपने केबिन में गयी तो मुझे तुम्हारी हरकतों से तुम पर शक हो गया था। किसी भी इंसान को अगर अच्छी जॉब मिलती है तो वो खुश होता है लेकिन तुमने केबिन में घुसते ही अपना बैग टेबल पर पटक दिया और चेयर को एक लात दे मारी,,,,,,,,पहले तो मुझे लगा तुम शायद सनकी हो लेकिन जब केबिन के अंदर लगी मेरी फोटो पर तुमने रेड क्रॉस लगाया तब मुझे लगा नहीं मैं तुम्हे पहचान नहीं पाया हूँ और उसी दिन से मैंने अपना एक आदमी तुम्हारी जासूसी के लिए लगा दिया था जो मुझे तुम्हारे हर एक मूव की खबर देता था।
नेहा खड़ी होकर अभिजीत के सामने जाती है और अपने दोनों हाथ जोड़ कर बोलती है- आई एम रियली वेरी सॉरी सर,,,,,,मैं आपको ही गलत समझ रही थी जब की आपने ही आज मेरी मदद की.......अगर मैं किसी गलत इंसान को सजा दे देती तो मैं कभी अपने आप को माफ़ नहीं कर पाती। मुझे अब सच में बहुत गिलटी फील हो रहा है।

अभिजीत नेहा को ऐसे परेशान देख कर माहौल को हल्का करने के लिए हँसते हुए बोलता है- तुम मुझे सजा जब देती जब मैं देंने देता,,,,हाहाहा,,,, आयी बड़ी मुझे सजा देने वाली,,,,,,😂!

नेहा को थोड़ा बेटर फील होता है कि अभिजीत के दिल में उसको लेकर कुछ गिला शिकवा नही है।
फिर नेहा हिम्मत करके अभिजीत से पूछती है- लेकिन आप सही समय पर कैसे पहुंचे?

अभिजीत नेहा को बताता है की जब वो घर से निकली थी बिना किसी को कुछ बताये तभी वो भी उसके पीछे पीछे चल दिया था।

(क्यूंकि हमारे अभिजीत भी भली भांति जानते है नेहा को😂😂 की वो हमेशा नए नए स्यापे खड़े करती रहती है।😅)

जब अभिजीत वहां पहुंचा तो देखा कि नेहा उनसे बहस बाजी कर रही है अभिजीत ये सब देख कर वही पेड़ के पीछे छुप जाता है और उनका तमाशा देख रहा होता है।
जब वो आदमी नेहा के बाल पकड़ा है तब अभिजीत को दर्द महसूस होता है और वो गुस्से में अपनी मुट्ठी भींच कर आगे बढ़ जाता है,,,,,,,,,जब तक वो उसके पास पहुंचता तब तक नेहा बेहोश हो चुकी थी।

अभिजीत की आँखें गुस्से से आग उगल रही होती है और अभिजीत गुस्से में उन सब को बहुत मारता है जब तक की उनके मरने जैसी हालत ना हो जाये।
फिर वो उन सब को वहीँ छोड़ कर नेहा को गोदी में उठा कर कार में ले जाकर बिठाता है और फार्म हाउस पर आ जाता है,,,,,
जहाँ डॉक्टर आकर नेहा को चेक करता है और बताता है कि स्ट्रेस की वजह से बेहोश हो गयी है।

अभिजीत थोड़ा सीरियस होते हुए- लेकिन तुमने मुझ पर भरोसा क्यों किया?? ऐसा भी तो हो सकता है ना मैं झूठ बोल रहा होऊं तुमसे बचने के लिए कोई कहानी बना कर तुम्हारा ब्रेन वाश कर रहा होऊं। और वैसे भी तुम तो मुझसे बेइंतहा नफरत करती थी,,,,,और हमे मिले अभी कुछ दिन ही हुए हैं तो इतने भरोसे की वजह मैं जान सकता हूँ..... ??
नेहा एक लम्बी सांस लेते हुए- बिलकुल अभिजीत के ही अंदाज़ में- "इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं है, लेकिन हाँ इतना जरूर जानती हूं आप मेरा ट्रस्ट कभी नहीं तोड़ोगे।"

"भरोसा ही है जिस पर हर रिश्ते को बुना जाता है,
इंसान अगर भरोसा तोड़ दे तो
दिल से पहले रिश्ते की डोर टूटती है!
दिल बेशक जुड़ जाए लेकिन
भरोसा कांच की तरह है,
टूट कर जुड़ना भरोसे की सीरत नही है!!"

अभिजीत नेहा के इस जवाब पर हल्का सा मुस्कुरा देता है।
और उसे आगे बताता है को वो सिर्फ एक हादसा था ना की किसी की साजिश।
वो ड्राइवर इसलिए भाग गया था की कहीं वो ना फंस जाये! और ऐसा नही है वो तुम्हरी दीदी को उसी हालत में छोड़ के चला गया था उसने उतर के तुम्हरी दीदी को चेक किया था लेकिन उसकी साँसे नही चल रही थी ये बोलते हुए अभिजीत का गला भर आता है।
फिर अभिजीत बोलता है की उसके बाद वो ड्राइवर मेरे पास आया था मदद माँगने तो मैंने उससे वादा किया था कि अगर उसकी कोई गलती नहीं हुई तो मैं उसको कुछ नहीं होने दूंगा लेकिन अगर उसकी कोई गलती हुई तो मैं उसको नही छोड़ूंगा। लेकिन उसकी कोई गलती नही थी तुम्हारी दीदी अचानक से उसके सामने आ गयी थी और वो ब्रेक नहीं लगा पाया और ये हादसा हो गया।

नेहा भी अभिजीत की बात से सहमत हो जाती है और वो पल याद करके रोने लग जाती है जब उसने अपना सब कुछ बर्बाद देखा था। अभिजीत नेहा को संभालता है और उसको पानी पिलाता है।
अभिजीत नेहा से कहता है की अभी तुम खाना खा कर आराम करो। अभिजीत वहां से चला जाता है और कुछ देर में खाने की प्लेट के साथ वहां दाखिल होता है।
अभिजीत वो प्लेट नेहा की तरफ बढ़ाते हुए- पहले खाना खा लो फिर आराम करना।
नेहा अभिजीत की तरफ बिना देखे ही- आप ने भी तो नहीं खाया है ना तो आप भी खा लीजिये।
अभिजीत मना कर देता है कि अब मेरा मन नहीं है तो नेहा भी वैसा ही जवाब देती है मेरा भी मन नहीं है कुछ देर तक खिंच तान के बाद दोनों एक साथ खाना खाते है,,,,,,,,,

अभिजीत अपने रूम में चला जाता है आराम करने और नेहा भी अपने बेड पे लेट जाती है।

अगले दिन वो दोनों उठते है और नहा कर नीचे आते है ब्रेकफास्ट के लिए। नेहा अभिजीत के सामने बैठते हुए- सर अब तो यहाँ का प्रोजेक्ट भी कम्पलीट हो गया और इन्दू वाला काम भी निपट गया अब हम घर कब चलेंगे?
अभिजीत उस पर हँसते हुए- यार तुम तो ऐसे पूछ रही हो जैसे छोटे बच्चे किसी रिश्तेदार के घर शादी में जाते हैं और बोर होने पे अपने मम्मी पापा से बोलते है की अब तो इनकी शादी भी हो गयी अब घर कब चलेंगे......😂😂
नेहा छोटे बच्चे जैसा मुँह बनाते हुए- सर आप मज़ाक मत करिए,,,,दीदी की याद आ रही है।
अभिजीत उसको अपना फ़ोन निकल कर दिखाते हुए- मेरे फ़ोन ने ना एक ऐसा एप है जिससे तुम अपनी दीदी को सामने देख कर बात कर सकती हो,,,,और हंसने लगता है😅😅
नेहा चिढ़ते हुए- मेरे पास भी है,,,,हु।
आगे नेहा कुछ नहीं बोलती और खाना खाने लगती है।

अभिजीत भी खाना खाते खाते ही उससे बोलता है- मैं सोच रहा था नैनीताल तो आये ही है,,,,,,,,तो क्यों ना एक दिन घूम ले.....लेकिन अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो।
नेहा कुछ सोच कर- ठीक है सर जैसा आप को अच्छा लगे।

अभिजीत खाना खत्म करके वहां से उठते हुए- तो फिर तुम जाकर रेडी हो जाओ,,,,क्यूंकि इतना बड़ा शहर है पूरा दिन लग जायेगा घुमने में।
नेहा भी हाँ में अपना सर हिला देती है।
नेहा अपने रूम में पूरी अलमारी खाली कर देती है लेकिन उसे कुछ भी अच्छा नही लगता है पहने के लिए।
फिर नेहा को तन्वी की याद आती है- तो वो तन्वी को कॉल करती है।
उधर से तन्वि कॉल उठाती है और शिकायत भरे लहजे में बोलती है- क्या बात है अपने बॉस के साथ रहते हुए एक बार भी मेरी याद नहीं आयी।
नेहा खुश होते हुए- दीदी उसके लिए आई ऍम सो सॉरी लेकिन मैं आकर आपको जो बताने वाली हूँ आप सुन कर एकदम खुश हो जाएँगी। और मैं काम में इतना ज्यादा बिजी थी ना बिलकुल टाइम नहीं मिल पाया।
तन्वी- अच्छा ऐसी भी क्या बात है जो इतनी ज्यादा खुश हो रही है,,,,,वैसे सरप्राइज तेरे लिए भी है,,,,बस तू जल्दी से आ जा।
नेहा उतावली होते हुए- क्या सरप्राइज है दी बताओ ना मुझे ।
तन्वी हँसते हुए- अरे अरे थोडा सब्र रख तभी तो वो सरप्राइज है।
नेहा मुह लटकाते हुए- ठीक है तो फिर,,,,,लेकिन मुझे आपकी मदद चाहिए,,,,,,मुझे समझ नही आ रहा मै कौनसे कपडे पहनूं।
तन्वी चुटकी लेते हुए- क्यों भई ऐसा भी कहाँ जा रही है हमारी राजकुमारी जो उसको कपडे चूस करने पड़ रहे है वरना तो हमेशा जो सामने आया पहन लिया करती है आप।
नेहा झेंपते हुए- बस नैनीताल घूमने जा रहे थे दीदी,,,,,क्या आप भी।
तन्वी मुस्कुराते हुए- अच्छा अच्छा ठीक है,,,,,,तो तुम वो ड्रेस पहना जो तुमने इस बार रक्षा बंधन पे खरीदी थी।
नेहा खुश होते हुए- ओके दीदी और फ़ोन काट देती है।

उधर तन्वी भी नेहा की इस खुशी में बहुत खुश होती है।


कुछ देर बाद नेहा रेडी हो कर नीचे आती है।
उधर अभिजीत भी तैयार हो कर नीचे हॉल में आ जाता है,,,,,, अभिजीत ने नेवी ब्लू कलर का थ्री पीस सूट पहना था।
नेहा ने रेड कलर का स्लीवलैस वन पीस पहना था जो पूरा फ्लोर तक गिरा हुआ था । बिलकुल सिंपल लुक नो मेकअप लेकिन फिर भी गजब लग रही थी।😍😍

अभिजीत नेहा को देख कर- क्या बात है आज तो बहुत खूबसूरत लग रही हो और आई विंक करता है।
नेहा शर्मा जाती है। अभिजीत उसकी इस अदा पर मुस्कुरा देता है।

वो दोनों कार में बैठ जाते है। कुछ देर बाद उनकी कार एक पहाड़ी के पास रुकती है। अभिजीत पहले खुद उतरता है फिर नेहा का गेट खोलता है और अपना हाथ आगे बढ़ा देता है। नेहा भी अपना हाथ उसके हाथ में रख देती है।
वो दोनों चलते हुए उस पहाड़ी के टॉप पर पहुँच जाते है और वहां पर बहुत एन्जॉय करते हैं।
दोनों ही अलग अलग पोज़ में एक दूसरे की फोटो लेते है और साथ में भी बहुत सारी सेल्फीज लेते है।

कुछ देर बाद नेहा को भूख लगती है तो वो अभिजीत से बोलती है- सर मुझे भूख लगी है किसी रेस्टोरेंट में चले क्या?
अभिजीत उसकी तरफ बढ़ते हुए- भूख तो मुझे भी लगी है चलो चलते है।

क्रमश:.............🐬🌞


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6 Comments

Fiza Tanvi

20-Nov-2021 01:12 PM

Nice

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Sana khan

28-Aug-2021 06:19 PM

Achi kaahani

Reply

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 12:16 PM

Nice

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